अबशालोम और इस्राएलियों ने कहा, “एरेकी हूशै की सलाह अहीतोपेल की सलाह से अच्छी है।” उन्होंने ऐसा कहा क्योंकि यह यहोवा की योजना थी। यहोवा नें अहीतोपेल की सलाह की व्यर्थ करने को योजना बनाई थी। इस प्रकार यहोवा अबशालोम को डण्ड दे सकता था।
अत: दीन जन सोचने लगते हैं, “परमेश्वर ने हमको भुला ही दिया है! हमसे तो परमेश्वर सदा—सदा के लिये दूर हो गया है। जो कुछ भी हमारे साथ घट रहा, उससे परमेश्वर ने दृष्टि फिरा ली है!”
दुष्ट जन इतने अभिमानी होते हैं कि वे परमेश्वर का अनुसरण नहीं कर सकते। वे बुरी—बुरी योजनाएँ रचते हैं। वे ऐसे कर्म करते हैं, जैसे परमेश्वर का कोई अस्तित्व ही नहीं।
कुछ लोग जो सोचते हैं कि वे मुझ से उत्तम हैं, मेरे विषय में बुरी बातें बनाते हैं। किन्तु यहोवा मैं अपने पूर्ण मन के साथ तेरे आदेशों को निरन्तर पालता हूँ।
मेरे लोगों को दुष्टों ने नष्ट कर दिया है। वे दुर्जन परमेश्वर को नहीं जानते हैं। दुष्टों के पास खाने के लिये भरपूर भोजन है। ये जन यहोवा की उपासना नहीं करते।
तब परमेश्वर ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, क्या तुम देखते हो कि इस्राएल के प्रमुख अंधेरे में क्या करते हैं हर एक व्यक्ति के पास अपने असत्य देवता के लिये एक विशेष कमरा है! वे लोग आपस में बातें करते हैं, ‘यहोवा हमें देख नहीं सकता। यहोवा ने इस देश को छोड़ दिया है।’”
परमेश्वर ने कहा, “इस्राएल और यहूदा के परिवार ने अत्याधिक बुरे पाप किये हैं। इस देश में सर्वत्र लोगों की हत्यायें हो रही हैं और यह नगर अपराध से भरा पड़ा है। क्यों क्योंकि लोग स्वयं कहते हैं, ‘यहोवा ने इस देश को छोड़ दिया। वे उन कामों को नहीं देख सकता जिन्हें हम कर रहे हैं।’