हे यहोवा, मैं तेरे मन्दिर में रहना चाहता हूँ। मैं तेरी बाट जोहते थक गया हूँ! मेरा अंग अंग जीवित यहोवा के संग होना चाहता है।
काश! मैं यह जान पाता कि उसे कहाँ खोजूँ! काश! मैं जान पाता की परमेश्वर के पास कैसे जाऊँ!
मैं हर समय तेरे निर्णयों का पाठ करना चाहता हूँ।
मैं तेरी प्रतिज्ञा में मरने को तत्पर हूँ कि तू मुझको बचायेगा। किन्तु यहोवा, मुझको उसका भरोसा है, जो तू कहा करता था।
हे यहोवा, मैं अपना हाथ उठाकर के तेरी विनती करता हूँ। मैं तेरी सहायता कि बाट जोह रहा हूँ जैसे सूखी वर्षा कि बाट जोहती है।
चाहे मेरा मन टूट जाये और मेरी काया नष्ट हो जाये किन्तु वह चट्टान मेरे पास है, जिसे मैं प्रेम करता हूँ। परमेश्वर मेरे पास सदा है!
यरूशलेम की पुत्रियों, मेरी तुमसे विनती है कि यदि तुम मेरे प्रियतम को पा जाओ तो उसको बता देना कि मैं उसके प्रेम की भूखी हूँ।
मेरा मन रात भर तेरे साथ रहना चाहता है और मेरे अन्दर की आत्मा हर नये दिन की प्रात: में तेरे साथ रहना चाहता है। जब धरती पर तेरा न्याय आयेगा, लोग खरा जीवन जीना सीख जायेंगे।
यदि तू आकाश चीर कर धरती पर नीचे उतर आये तो सब कुछ ही बदल जाये। तेरे सामने पर्वत पिघल जाये।
“याकूब के लोगो तुम्हारे खेमे बहुत सुन्दर हैं! इस्राएल के लोगो जिनके घर सुन्दर हैं!