मैं तुम्हें यह कथा सुनाऊँगा। मैं तुम्हें पुरानी कथा सुनाऊँगा।
मैंने कथाएँ सुनी हैं, मैं अब वे कथाएँ तुमको निज वीणा पर सुनाऊँगा।
ऐसा कोई कारण नहीं जो मैं किसी भी विनाश से डर जाऊँ। यदि लोग मुझे घेरे और फँदा फैलाये, मुझे डरने का कोई कारण नहीं।
ताकि मनुष्य नीतिवचन, ज्ञानी के दृष्टाँतों को और पहेली भरी बातों को समझ सकें।
उन बातों को याद करो जो बहुत पहले घटी थीं। याद रखो कि मैं परमेश्वर हूँ। कोई दूसरा अन्य परमेश्वर नहीं है। वे झूठे देवता मेरे जैसे नहीं हैं।
बिना किसी दृष्टान्त का प्रयोग किये वह उनसे कुछ भी नहीं कहता था। किन्तु जब अपने शिष्यों के साथ वह अकेला होता तो सब कुछ का अर्थ बता कर उन्हें समझाता।
यहोवा उन पर बहुत क्रोधित हुआ और उन पर बौखला उठा। इसलिए उसने उनके देश से उन्हें बाहर किया। उसने उन्हें दूसरे देश में पहुँचाया जहाँ वे आज हैं।’