हे परमेश्वर, जब तू उन पर्वतों से लौटता है, जहाँ तूने अपने शत्रुओं को हरा दिया था, तू महिमा से मण्डित रहता है।
किन्तु उनके धनुष चूर चूर हो जायेंगे। और उनकी तलवारें उनके अपने ही हृदयों में उतरेंगी।
एक सिंह अपनी गुफा से निकला है, राष्ट्रों का विध्वंसक तेज कदम बढ़ाना आरम्भ कर चुका है। वह तुम्हारे देश को नष्ट करने के लिये अपना घर छोड़ चुका है। तुम्हारे नगर ध्वस्त होंगे। उनमें रहने वाला कोई व्यक्ति नहीं बचेगा।
वह युवा सिंहों के साथ शिकार को निकला। वह एक बलवान युवा सिंह बना। उसने अपने भोजन को पकड़ना सीखा। उसने एक आदमी को मारा और उसे खाया।
किन्तु मैं तुम्हारा धनुष तुम्हारे बायें हाथ से झटक कर गिरा दूँगा। मैं तुम्हारे दायें हाथ से तुम्हारे बाण झटक कर गिरा दूँगा।