वे अभिमानी लोग पीड़ायें नहीं उठाते है। जैसे हम लोग दु:ख झेलते हैं, वैसे उनको औरों की तरह यातनाएँ नहीं होती।
कि उस दिन जब परमेश्वर कुपित हो कर दण्ड देता है दुष्ट जन सदा बच जाता है।
जब मैं सोचता हूँ उन सब को जो कुछ मेरे साथ घटा तो मुझको डर लगता है और मेरी देह थर थर काँपती है।
उनके घर सुरक्षित रहते हैं और वे नहीं डरते हैं। परमेश्वर दुष्टों को सजा देने के लिये अपना दण्ड काम में नहीं लाता है।
वे मनुष्य अभिमान और कुटिल हैं, किन्तु वे निरन्तर धनी और अधिक धनी होते जा रहे हैं।
प्रभु हमें अनुशासित करने के लिये दण्ड देता है। ताकि हमें संसार के साथ दंडित न किया जाये।
यदि तुम्हें वैसे ही ताड़ना नहीं दी गयी है जैसे सबको ताड़ना दी जाती है तो तुम अपने पिता से पैदा हुए पुत्र नहीं हो और सच्ची संतान नहीं हो।
“उन सभी को जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ, मैं डाँटता हूँ और अनुशासित करता हूँ। तो फिर कठिन जतन और मनफिराव कर।