यहोवा मेरी चट्टान, मेरा गढ़, मेरा शरणस्थल है।” मेरा परमेश्वर मेरी चट्टान है। मैं तेरी शरण मे आया हूँ। उसकी शक्ति मुझको बचाती है। यहोवा ऊँचे पहाड़ों पर मेरा शरणस्थल है।
मुझको दुष्ट लोगों ने घेर लिया, वे इतने अधिक हैं कि गिने नहीं जाते। मुझे मेरे पापों ने घेर लिया है, और मैं उनसे बच कर भाग नहीं पाता हूँ। मेरे पाप मेरे सिर के बालों से अधिक हैं। मेरा साहस मुझसे खो चुका है।