यहाँ तक कि परमेश्वर के जन, उन दुष्टों की ओर मुड़ते और जैसा वे कहते है, वैसा विश्वास कर लेते हैं।
परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देने को तत्पर है। परमेश्वर के पास विष मिला हुआ मधु पात्र है। परमेश्वर इस दाखमधु (दण्ड) को उण्डेलता है और दुष्ट जन उसे अंतिम बूँद तक पीते हैं।