वही दूत रहा जिसने मुझे सभी कष्टों से बचाया और मेरी प्रार्थना है कि इन लड़कों को वह आशीर्वाद दे। अब ये बच्चे मेरा नाम पाएँगे। वे हमारे पूर्वज इब्राहीम और इसहाक का नाम पाएँगे। मैं प्रार्थना करता हूँ कि वे इस धरती पर बड़े परिवार और राष्ट्र बनेंगे।”
दाऊद ने कहा, “यहोवा, मैं इसे पी नहीं सकता। यह उन व्यक्तियों का खून पीने जैसा होगा जिन्होंने अपने जीवन को मेरे लिये खतरे में डाला।” यही कारण था कि दाऊद ने पानी पीना अस्वीकार किया। इन तीनों योद्धाओं ने उस प्रकार के अनेक कार्य किये।
उसने हमारे लिये अपने आपको दे डाला। ताकि वह सभी प्रकार की दुष्टताओं से हमें बचा सके और अपने चुने हुए लोगों के रूप में अपने लिये हमें शुद्ध कर ले—हमें, जो उत्तम कर्म करने को लालायित है।
मैंने देखा कि वह स्त्री संत जनों और उन व्यक्तियों के लहू पीने से मतवाली हुई है। जिन्होंने यीशु के प्रति अपने विश्वास की साक्षी को लिए हुए अपने प्राण त्याग दिए। उसे देखकर मैं बड़े अचरज में पड़ गया।
उसके न्याय सदा सच्चे हैं, धर्म युक्त हैं, उस महती वेश्या का उसने न्याय किया है, जिसने अपने व्यभिचार से इस धरती को भ्रष्ट किया था जिनको उसने मार दिया उन दास जनों की हत्या का प्रतिशोध हो चुका।”
तब शाऊल ने कहा, “मैंने पाप किया है। मेरे पुत्र दाऊद लौट आओ। आज तुमने दिखा दिया कि मेरा जीवन तुम्हारे लिये महत्व रखता है। इसलिये मैै तुम्हें चोट पहुँचाने का प्रयत्न नहीं करूँगा। मैंने मूर्खतापूर्ण काम किया है। मैंने एक भंयकर भूल की है।”