अम्मोन के लोगो से कहो: ‘मेरे स्वामी यहोवा का कथन सुनो! मेरा स्वामी यहोवा कहता है: तुम तब प्रसन्न थे जब मेरा पवित्र स्थान नष्ट हुआ था। तुम लोग तब इस्राएल देश के विरुद्ध थे जब यह दूषित हुआ था। तुम यहूदा के परिवार के विरुद्ध थे जब वे लोग बन्दी बनाकर ले जाए गए।
“मनुष्य के पुत्र, सोर ने यरूशलेम के विरुद्ध बुरी बातें कहीं: आहा! लोगों की रक्षा करने वाला नगर—द्वार नष्ट हो गया है! नगर —द्वार मेरे लिये खुला है। नगर (यरूशलेम) नष्ट हो गया है, अत: मैं इससे बहुत सी बहुमूल्य चीज़ें ले सकता हूँ!”
(इस मनुष्य ने जो धन उसे उसके नीचतापूर्ण काम के लिये मिला था, उससे एक खेत मोल लिया किन्तु वह पहले तो सिर के बल गिरा और फिर उसका शरीर फट गया और उसकी आँतें बाहर निकल आई।