निन्दा ने मुझको चकनाचूर कर दिया है! बस निन्दा के कारण मैं मरने पर हूँ। मैं सहानुभूति की बाट जोहता रहा, मैं सान्त्वना की बाट जोहता रहा, किन्तु मुझको तो कोई भी नहीं मिला।
मैं चकित हुआ कि किसी भी व्यक्ति ने मेरा समर्थन नहीं किया। इसलिये मैंने अपनी शक्ति का प्रयोग अपने लोगों को बचाने के लिये किया। स्वयं मेरे अपने क्रोध ने ही मेरा समर्थन किया।
सुनो, समय आ रहा है, बल्कि आ ही गया है जब तुम सब तितर-बितर हो जाओगे और तुम में से हर कोई अपने-अपने घर लौट जायेगा और मुझे अकेला छोड़ देगा किन्तु मैं अकेला नहीं हूँ क्योंकि मेरा परम पिता मेरे साथ है।