इसलिए यहोवा उन्हें अन्य रास्ते से ले गया। वह लाल सागर की तटीय मरुभूमि से उन्हें ले गया। किन्तु इस्राएल के लोग तब युद्ध के लिए वस्त्र पहने थे जब उन्होंने मिस्र छोड़ा।
सीनै पर्वत धुएँ से ढका था। पर्वत से धुआँ इस प्रकार उठा जैसे किसी भट्टी से उठता है। यह इसलिए हुआ कि यहोवा आग में पर्वत पर उतरे और साथ ही सारा पर्वत भी काँपने लगा।
मैं तुझे अन्धेरे में रखी हुई दौलत दूँगा। मैं तुझको छिपी हुई सम्पत्ति दूँगा। मैं ऐसा करूँगा ताकि तुझको पता चल जाये कि मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ, और मैं तुझको तेरे नाम से पुकार रहा हूँ!
तू ही अपने लोगों को बचाने आया था। तू ही अपने चुने राजा को विजय की राह दिखाने को आया था। तूने प्रदेश के हर बुरे परिवार का मुखिया, साधारण जन से लेकर अति महत्वपूर्ण व्यक्ति तक मार दिया।
फिर स्वर्ग में स्थित परमेश्वर के मन्दिर को खोला गया तथा वहाँ मन्दिर में वाचा की वह पेटी दिखाई दी। फिर बिजली की चकाचौंध होने लगी। मेघों का गर्जन-तर्जन और घड़घड़ाहट के शब्द भूकम्प और भयानक ओले बरसने लगे।
तब दबोरा ने बाराक से कहा, “आज के दिन ही यहोवा तुम्हें सीसरा को हराने में सहायता देगा। निश्चय ही, तुम जानते हो कि यहोवा ने पहले से ही तुम्हारे लिये रास्ता साफ कर रखा है।” इसलिए बाराक ने दस हजार सैनिकों को ताबोर पर्वत से उतारा।