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क्रॉस रेफरेंस
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भजन संहिता 68:18

पवित्र बाइबल

वह ऊँचे पर चढ़ गया। उसने बंदियों कि अगुवाई की; उसने मनुष्यों से यहाँ तक कि अपने विरोधियों से भी भेंटे ली। यहोवा परमेश्वर वाहाँ रहने गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

47 क्रॉस रेफरेंस  

“हे परमेश्वर, हम जानते हैं कि तू यथार्थ में, लोगों के साथ धरती पर नहीं रहेगा। स्वर्ग, सर्वोच्च स्वर्ग भी तुझको अपने भीतर रखने की क्षमता नहीं रखता और हम जानते हैं कि यह मन्दिर जिसे मैंने बनाया है तुझको अपने भीतर नहीं रख सकता।

यहोवा ने मेरे स्वामी से कहा, “तू मेरे दाहिने बैठ जा, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे पाँव की चौकी नहीं कर दूँ।”

यहोवा के पर्वत पर कौन जा सकता है? कौन यहोवा के पवित्र मन्दिर में खड़ा हो सकता है और आराधना कर सकता है?

यहोवा परमेश्वर तुरही की ध्वनि और युद्ध की नरसिंगे के स्वर के साथ ऊपर उठता है।

हे यहोवा, लोगों का न्याय कर। अपने चारों ओर राष्ट्रों को एकत्र कर और लोगों का न्याय कर।

परमेश्वर ने शिलोह के पवित्र तम्बू को त्याग दिया। यह वही तम्बू था जहाँ परमेश्वर लोगों के बीच में रहता था।

हे पापियों! अपने पापपूर्ण जीवन को त्यागो। तुमको चाहिये कि तुम बुरी बातें सोचना त्याग दो। तुमको चाहिये कि तुम यहोवा के पास लौट आओ। जब तुम ऐसा करोगे तो यहोवा तुम्हें सुख देगा। उन सभी को चाहिये कि वे यहोवा की शरण में आयें क्योंकि परमेश्वर हमें क्षमा करता है।

वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है, वह जो अमर है, वह जिसका नाम पवित्र है, वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ, किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।

“नगर के चारों ओर की दूरी अट्ठारह हजार हाथ होगी। अब से आगे नगर का नाम होगा: यहोवा यहाँ है।”

यहोवा जोर से अपनी सेना को पुकारता है। उसकी छावनी विशाल है। वह सेना उसके आदेशों को मानती है। वह सेना अति बलशाली है। यहोवा का विशेष दिन महान और भयानक है। काई भी व्यक्ति उसे रोक नही सकता।

इसलिये तुम लोग जाओ और समझो कि शास्त्र के इस वचन का अर्थ क्या है, ‘मैं बलिदान नहीं चाहता बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धर्मियों को नहीं, बल्कि पापियों को बुलाने आया हूँ।”

सप्ताह के पहले दिन प्रभात में जी उठने के बाद वह सबसे पहले मरियम मगदलीनी के सामने प्रकट हुआ जिसे उसने सात दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया था।

और पापों की क्षमा के लिए मनफिराव का यह संदेश यरूशलेम से आरंभ होकर सब देशों में प्रचारित किया जाएगा। तुम इन बातों के साक्षी हो।

और अब मेरे परम पिता ने मुझसे जो प्रतिज्ञा की है, उसे मैं तुम्हारे लिये भेजूँगा। किन्तु तुम्हें इस नगर में उस समय तक ठहरे रहना होगा, जब तक तुम स्वर्ग की शक्ति से युक्त न हो जाओ।”

उन्हें आशीर्वाद देते देते ही उसने उन्हें छोड़ दिया और फिर उसे स्वर्ग में उठा लिया गया।

उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “यदि कोई मुझमें प्रेम रखता है तो वह मेरे वचन का पालन करेगा। और उससे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। और हम उसके पास आयेंगे और उसके साथ निवास करेंगे।

किन्तु मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ इसमें तुम्हारा भला है कि मैं जा रहा हूँ। क्योंकि यदि मैं न जाऊँ तो सहायक तुम्हारे पास नहीं आयेगा। किन्तु यदि मैं चला जाता हूँ तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूँगा।

इस पुरूष को परमेश्वर की निश्चित योजना और निश्चित पूर्व ज्ञान के अनुसार तुम्हारे हवाले कर दिया गया, और तुमने नीच मनुष्यों की सहायता से उसे क्रूस पर चढ़ाया और कीलें ठुकवा कर मार डाला।

वे सभी पवित्र आत्मा से भावित हो उठे। और आत्मा के द्वारा दिये गये सामर्थ्य के अनुसार वे दूसरी भाषाओं में बोलने लगे।

सो हनन्याह चल पड़ा और उस घर के भीतर पहुँचा और शाऊल पर उसने अपने हाथ रख दिये और कहा, “भाई शाऊल, प्रभु यीशु ने मुझे भेजा है, जो तेरे मार्ग में तेरे सम्मुख प्रकट हुआ था ताकि तू फिर से देख सके और पवित्र आत्मा से भावित हो जाये।”

पर परमेश्वर ने हम पर अपना प्रेम दिखाया। जब कि हम तो पापी ही थे, किन्तु यीशु ने हमारे लिये प्राण त्यागे।

परमेश्वर के मन्दिर का मूर्तियों से क्या नाता? क्योंकि हम स्वयं उस सजीव परमेश्वर के मन्दिर हैं, जैसा कि परमेश्वर ने कहा था: “मैं उनमें निवास करूँगा; चलूँ फिरूँगा, मैं उनका परमेश्वर होऊँगा और वे मेरे जन बनेंगे।”

मूसा ने कहा: “यहोवा सीनै से आया, यहोवा सेईर पर प्रातःकालीन प्रकाश सा था। वह पारान पर्वत से ज्योतित प्रकाश—सम था। यहोवा दस सहस्त्र पवित्र लोगों (स्वर्गदूतों) के साथ आया। उसकी दांयी ओर बलिष्ठ सैनिक थे।

जिसमें विवेक और ज्ञान की सारी निधियाँ छिपी हुई हैं।

क्योंकि परमेश्वर अपनी सम्पूर्णता के साथ सदैव उसी में निवास करता है।

वह पुत्र परमेश्वर की महिमा का तेज-मंडल है तथा उसके स्वरूप का यथावत प्रतिनिधि। वह अपने समर्थ वचन के द्वारा सब वस्तुओं की स्थिति बनाये रखता है। सबको पापों से मुक्त करने का विधान करके वह स्वर्ग में उस महामहिम के दाहिने हाथ बैठ गया।

इसलिए क्योंकि परमेश्वर का पुत्र यीशु एक ऐसा महान् महायाजक है, जो स्वर्गों में से होकर गया है तो हमें अपने अंगीकृत एवं घोषित विश्वास को दृढ़ता के साथ थामे रखना चाहिए।

जहाँ यीशु ने हमारी ओर से हम से पहले प्रवेश किया। वह मिलिकिसिदक की परम्परा में सदा सर्वदा के लिए प्रमुख याजक बन गया।

जो कुछ हम कह रहे हैं, उसकी मुख्य बात यह है: निश्चय ही हमारे पास एक ऐसा महायाजक है जो स्वर्ग में उस महा महिमावान के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान है।

वह स्वर्ग में परमेश्वर के दाहिने विराजमान है, और अब स्वर्गदूत, अधिकारीगण और सभी शक्तियाँ उसके अधीन कर दी गयी है।

ये जो सात तारे हैं जिन्हें तूने मेरे हाथ में देखा है और ये जो सात दीपाधार हैं, इनका रहस्यपूर्ण अर्थ है: ये सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं तथा ये सात दीपाधार सात कलीसियाएँ हैं।

तभी मैंने आकाश में एक ऊँची ध्वनि सुनी। वह कह रही थी, “देखो अब परमेश्वर का मन्दिर मनुष्यों के बीच है और वह उन्हीं के बीच घर बनाकर रहा करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और स्वयं परमेश्वर उनका परमेश्वर होगा।

“दबोरा जागो, जागो! जागो, जागो गीत गाओ! जागो, बाराक! जाओ, हे अबीनोअम के पुत्र अपने शत्रुओं को पकड़ो!




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