निश्चय ही तू नगर को नष्ट नहीं करेगा। बुरे लोगों को मारने के लिए तू पचास अच्छे लोगों को नष्ट नहीं करेगा। अगर ऐसा हुआ तो अच्छे और बुरे लोग एक ही हो जाएँगे, दोनों को ही दण्ड मिलेगा। तू पूरी पृथ्वी को न्याय देने वाला है। मैं जानता हूँ कि तू न्याय करेगा।”
हे नदियों, ताली बजाओ! हे पर्वतो, अब सब साथ मिलकर गाओ! तुम यहोवा के सामने गाओ, क्योंकि वह जगत का शासन (न्याय) करने जा रहा है, वह जगत का न्याय नेकी और सच्चाई से करेगा।
हे स्त्री, तू प्रसन्न से हो जा! तूने बच्चों को जन्म नहीं दिया किन्तु फिर भी तुझे अति प्रसन्न होना है। यहोवा ने कहा, “जो स्त्री अकेली है, उसकी बहुत सन्तानें होंगी निस्बत उस स्त्री के जिस के पास उसका पति है।”
मिद्यान और एपा देशों के ऊँटों के झुण्ड तेरी धरती को ढक लेंगे। शिबा के देश से ऊँटों की लम्बी पंक्तियाँ तेरे यहाँ आयेंगी। वे सोना और सुगन्ध लायेंगे। लोग यहोवा के प्रशंसा के गीत गायेंगे।
उसने एक दिन निश्चित किया है जब वह अपने नियुक्त किये गये एक पुरुष के द्वारा न्याय के साथ जगत का निर्णय करेगा। मरे हुओं में से उसे जिलाकर उसने हर किसी को इस बात का प्रमाण दिया है।”
किन्तु अपनी कठोरता और कभी पछतावा नहीं करने वाले मन के कारण उसके क्रोध को अपने लिए उस दिन के वास्ते इकट्ठा कर रहा है जब परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रकट होगा।
शास्त्र कहता है: “बाँझ! आनन्द मना, तूने किसी को न जना; हर्ष नाद कर, तुझ को प्रसव वेदना न हुई, और हँसी-खुशी में खिलखिला। क्योंकि परित्यक्ता की अनगिनत संतानें हैं उसकी उतनी नहीं है जो पतिवंती है।”
“होगा हर्षित सब संसार परमेश्वर के लोगों से क्यों? क्योंकि वह उनकी करता है सहायता सेवकों के हत्यारों को वह दण्ड दिया करता है। देगा वह दण्ड शत्रु को जिसके वे पात्र हैं। और वह पवित्र करेगा अपने धरती जन को।”