जुते हुए खेतों पर वर्षा कराता है। तू खेतों को जल से सराबोर कर देता, और धरती को वर्षा से नरम बनाता है, और तू फिर पौधों की बढ़वार करता है।
परमेश्वर बाढ़ लाकर लोगों को दण्ड देने अथवा धरती को जल देकर अपना प्रेम दर्शाने के लिये बादलों को भेजता है।
परमेश्वर पहाड़ों के ऊपर नीचे वर्षा भेजता है। परमेश्वर ने जो कुछ रचा है, धरती को वह सब देता है जो उसे चाहिए।
परमेश्वर मेघों से अम्बर को भरता है। परमेश्वर धरती के लिये वर्षा करता है। परमेश्वर पहाड़ों पर घास उगाता है।
उसी धरती पर तेरे पशु वापस आ गये। हे परमेश्वर, वहाँ के दीन लोगों को तूने उत्तम वस्तुएँ दी।
यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं जिस समय वर्षा आनी चाहिए, उसी समय वर्षा कराऊँगा। भूमि फ़सलें पैदा करेगी और पेड़ अपने फल देंगे।
बरहसेंगे वर्षा सम मेरे उपदेश, हिम—बिन्दु सम बहेगी पृथ्वी पर वाणी मेरी, कोमल घासों पर वर्षा की मन्द झड़ी सी, हरे पौधों पर वर्षा सी।