परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है। ऊँचे पर्वत में परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है।
ऐसा व्यक्ति का पतन कभी नहीं होगा। एक अच्छे व्यक्ति को सदा याद किया जायेगा।
मैं यहोवा को सदैव अपने सम्मुख रखता हूँ, और मैं उसका दक्षिण पक्ष कभी नहीं छोडूँगा।
परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है। ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।
धर्मी जन को कभी उखाड़ा न जायेगा, किन्तु दुष्ट धरती पर टिक नहीं पायेगा।
जो खोटे होते हैं उखाड़ फेंके जाते हैं, किन्तु खरे जन का घराना टिका रहता है।
किन्तु इस्राएल यहोवा के द्वारा बचा लिया जायेगा। वह मुक्ति युगों तक बनी रहेगी। फिर इस्राएल कभी भी लज्जित नहीं होगा।
बल्कि मैं तो यहूदा के वंश पर दया दिखाऊँगा। मैं यहूदा के वंश की रक्षा करूँगा। किन्तु उनकी रक्षा के लिये मैं न तो धनुष और तलवार का प्रयोग करूँगा और न ही युद्ध के घोड़ों और सैनिकों का, मैं स्वयं अपनी शक्ति से उन्हें बचाऊँगा।”
मैं सहायता के लिये यहोवा को निहारूँगा! मैं परमेश्वर की प्रतीक्षा करूँगा कि वह मुझ को बचा ले। मेरा परमेश्वर मेरी सुनेगा।