हे परमेश्वर, तूने मेरी वह मन्नत सुनी है, जिसे तुझ पर चढ़ाऊँगा, किन्तु तेरे भक्तों के पास हर वस्तु उन्हें तुझसे ही मिली है।
यहोवा अपने अनुयायिओं को, बड़ोंको और छोटों को धन्य करेगा।
मेरी रक्षा तू निज आँख की पुतली समान कर। मुझको अपने पंखों की छाया तले तू छुपा ले।
हे परमेश्वर, मैंने जो तेरी मन्नतें मानी है, मैं उनको पूरा करुँगा। मैं तुझको धन्यवाद की भेंट चढ़ाऊँगा।
हे सिय्योन के परमेश्वर, मैं तेरी स्तुती करता हूँ। मैंने जो मन्नत मानी, तुझ पर चढ़ाता हूँ।
परमेश्वर ने मेरी सुनी। परमेश्वर ने मेरी विनती सुन ली।
हे यहोवा, अपनी राहों की शिक्षा मुझको दे,। मैं जीऊँगा और तेरे सत्य पर चलूँगा। मेरी सहायता कर। मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण यही है, कि मैं तेरे नाम की उपासना करूँ।
मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”
बल्कि हर जाति का कोई भी ऐसा व्यक्ति जो उससे डरता है और नेक काम करता है, वह उसे स्वीकार करता है।