फिर यदि वे लोग शाम को इधर—उधर घूमते गुरर्तें कुत्तों से नगर में आवें,
मैं चारों तरफ कुतों से घिर हूँ, दुष्ट जनों के उस समूह ने मुझे फँसाया है। उन्होंने मेरे मेरे हाथों और पैरों को सिंह के समान भेदा है।
वे दुर्जन साँझ के होते ही नगर में घुस आते हैं। वे लोग गुरर्ते कुत्तों से नगर के बीच में घूमते रहते हैं।