इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।
यहोवा ने तुम्हें एक नाम दिया था। उन्होंने तुम्हें कहा, ‘हरा भरा जैतून वृक्ष कहा था जिसकी सुन्दरता देखने योग्य है।’ किन्तु एक प्रबल आँधी के गरज के साथ, यहोवा उस वृक्ष में आग लगा देगा और इसकी शाखायें जल जाएंगी।
जब तुझे प्राकृतिक रूप से जंगली जैतून के पेड़ से एक शाखा की तरह काट कर प्रकृति के विरुद्ध एक उत्तम जैतून के पेड़ से जोड़ दिया गया, तो ये जो उस पेड़ की अपनी डालियाँ हैं, अपने ही पेड़ में आसानी से, फिर से क्यों नहीं जोड़ दी जायेंगे।