मैं तेरे घर से कोई बैल नहीं लूँगा। मैं तेरे पशु गृहों से बकरें नहीं लूँगा।
सो मैंने कहा, “देख मैं आ रहा हूँ! पुस्तक में मेरे विषय में यही लिखा है।”
परमेश्वर इससे प्रसन्न हो जायेगा। ऐसा करना एक बैल की बलि या पूरे पशु की ही बलि चढ़ाने से अधिक उत्तम है।
उसे किसी वस्तु का अभाव नहीं है सो मनुष्य के हाथों से उसकी सेवा नहीं हो सकती। वही सब को जीवन, साँसें और अन्य सभी कुछ दिया करता है।