फ़िरौन के अधिकारियों ने उससे पूछा, “हम लोग कब तक इन लोगों के जाल में फँसे रहेंगे। लोगों को उनके परमेश्वर यहोवा की उपासना करने जाने दें। यदि आप उन्हें नहीं जाने देंगे तो आपके जानने से पहले मिस्र नष्ट हो जाएगा।”
उस समय, उन पुराने नगरों को जिन्हें उजाड़ दिया गया था, फिर से बसाया जायेगा। उन नगरों को वैसे ही नया बना दिया जायेगा जैसे वे आरम्भ में थे। वे नगर जिन्हें वर्षों पहले हटा दिया गया था, नये जैसे बना दिये जायेंगे।
किन्तु, मेरा स्वामी परमेश्वर तुम्हें एक संकेत दिखायेगा: “देखो, एक कुवाँरी गर्भवती होगी और वह एक पुत्र को जन्म देगी। वह इस पुत्र का नाम इम्मानुएल रखेगी।
अपने युद्ध की योजनाएँ रचो! तुम्हारी योजनाएँ पराजित हो जायेंगी। तुम अपनी सेना को आदेश दो! तुम्हारे वे आदेश व्यर्थ हो जायेंगे, क्यों क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ है।
किन्तु हम लोगों को यहोवा के विरुद्ध नहीं जाना चाहिए। हम लोगों को उस प्रदेश के लोगों से डरना नहीं चाहिए। हम लोग उन्हें सरलता से हरा देंगे। उनके पास कोई सुरक्षा नहीं है, उन्हें सुरक्षित रखने के लिए उनके पास कुछ नहीं है। किन्तु हम लोगों के साथ यहोवा है। इसलिए इन लोगों से डरो मत!”
कोई जादुई शक्ति नहीं जो याकूब के लोगों को हरा सके। याकूब के बारे में और इस्राएल के लोगों के विषय में भी लोग यह कहेंगे: ‘परमेश्वर ने जो महान कार्य किये हैं उन पर ध्यान दो!’
“जब तुम अपने शत्रुओं के विरुद्ध युद्ध में जाओ, और अपनी सेना से अधिक घोड़े, रथ, व्यक्तियों को देखो, तो तुम्हें भयभीत नहीं होना चाहिए। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे साथ है और वही एक है जो तुम्हें मिस्र से बाहर निकाल लाया।
यहोवा चाहता था कि वे लोग सोचें कि वे शक्तिशाली थे। तब वे इस्राएल के विरुद्ध लड़ेंगे। इस प्रकार वे उन्हें बिना दया के नष्ट कर सकते थे। वह उन्हें उस तरह नष्ट कर सकता था, जिस तरह यहोवा ने मूसा को करने का आदेश दिया था।