मेरे शत्रु मेरे लिये अपशब्द कह रहे हैं, वे कहा रहे हैं, “यह कब मरेगा और कब भुला दिया जायेगा?”
धरती के लोग उसको याद नहीं करेंगे। बस अब कोई भी उसको याद नहीं करेगा।
किन्तु वह सदा के लिये नष्ट हो जायेगा जैसे स्वयं उसका देहमल नष्ट होगा। वे लोग जो उसको जानते हैं कहेंगे, ‘वह कहाँ है’
मेरे शत्रु सदा मेरा अपमान करते है, और लोग मेरा नाम लेकर मेरी हँसी उड़ाते हैं।
मेरे शत्रु मेरी निन्दा करते हैं। वे झूठी बातों और प्रतिवादों को फैलाते रहते हैं। मेरे ही विषय में वे हरदम बात चीत करते रहते हैं।
मैं जानता हूँ, जो पाप मैंने किया है। मैं अपने पापों को सदा अपने सामने देखता हूँ।
हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ। इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।
मेरे शत्रु सारे दिन मुझ पर वार करते रहे। वहाँ पर डटे हुए अनगिनत योद्धा हैं।
हे परमेश्वर, मैं सहायता पाने के लिये विनती करता हूँ। परमेश्वर मेरी पूरी तरह ध्यान रखता है।
हे परमेश्वर, धरती पर हर व्यक्ति तेरे विषय में जाने। हर राष्ट्र यह जान जाये कि लोगों की तू कैसे रक्षा करता है।
हे परमेश्वर, दिखा दे कि तू मेरी सुनता है, और मुझ पर कृपालु बन। मैं तेरा दास हूँ। तू मुझको शक्ति दे। मैं तेरा सेवक हूँ, मेरी रक्षा कर।
मेरे स्वामी, मुझ पर दया कर। मैं सारे दिन तेरी विनती करता रहा हूँ।
धर्मी का वरदान स्मरण मात्र बन जाये; किन्तु दुष्ट का नाम दुर्गन्ध देगा।