योशिय्याह ने दीन—हीन लोगों को सहायता दी। योशिय्याह ने वह किया, अत: उसके लिये सब कुछ अच्छा हुआ। यहोयाकीम ‘परमेश्वर को जानने’ का अर्थ क्या होता है मुझको जानने का अर्थ, ठीक रहना और न्यायपूर्ण होना है।” यह सन्देश यहोवा का है।
मैं उन्हें अपने को समझने की इच्छा रखने वाला बनाऊँगा। वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर। मैं यह करूँगा क्योंकि वे बाबुल के बन्दी पूरे हृदय से मेरी शरण में आएंगे।
बहुत दूर से यहोवा अपने लोगों के सामने प्रकट होगा। यहोवा कहते हैं लोगों, “मैं तुमसे प्रेम करता हूँ और मेरा प्रेम सदैव रहेगा। मैं सदैव तुम्हारे प्रति सच्चा रहूँगा।
फिर तो कभी कोई भी जन अपने पड़ोसी को एैसे न सिखाएगा अथवा कोई जन अपने बन्धु से न कभी कहेगा तुम प्रभु को पहचानो। क्योंकि तब तो वे सभी छोटे से लेकर बड़े से बड़े तक मुझे जानेंगे।