मेरे शत्रु! मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं। वे मुझसे व्यर्थ बैर रखते हैं। वे मेरे विनाश की जुगत बहुत करते हैं। मेरे शत्रु मेरे विषय में झूठी बातें बनातें हैं। उन्होंने मुझको झूठे ही चोर बताया। और उन वस्तुओं की भरपायी करने को मुझे विवश किया, जिनको मैंने चुराया नहीं था।
अन्य जातियों ने गड्ढे खोदे ताकि लोग उनमें गिर जायें, किन्तु वे अपने ही खोदे गड्ढे में स्वयं समा जायेंगे। दुष्ट जन ने जाल छिपा छिपा कर बिछाया, ताकि वे उसमें दूसरे लोगों को फँसा ले। किन्तु उनमें उनके ही पाँव फँस गये।
मैंने यहूदा के लोगों के लिये अच्छा किया है। किन्तु अब वे उल्टे बदले में बुराई दे रहे हैं। वे मुझे फँसा रहे हैं। वे मुझे धोखा देकर फँसाने और मार डालने का प्रयत्न कर रहे हैं।