मैं इस्राएल के राजभक्त तथा शान्तिप्रिय लोगों में से एक हूँ। तुम इस्राएल के एक महत्वपूर्ण नगर को नष्ट कर रहे हो। तुम्हें, वह कोई भी चीज, जो यहोवा की है, नष्ट नहीं करनी चाहिये।”
अय्यूब के बच्चे जब जेवनार दे चुकते तो अय्यूब बड़े तड़के उठता और अपने हर बच्चे की ओर से होमबलि अर्पित करता। वह सोचता, “हो सकता है, मेरे बच्चे अपनी जेवनार में परमेश्वर के विरुद्ध भूल से कोई पाप कर बैठे हों।” अय्यूब इसलिये सदा ऐसा किया करता था ताकि उसके बच्चों को उनके पापों के लिये क्षमा मिल जाये।
हे यहोवा, मुझे उन बुरे व्याक्तियों की तरह मत सोच जो बुरे काम करते हैं। जो अपने पड़ोसियों से “सलाम” (शांति) करते हैं, किन्तु अपने हृदय में अपने पड़ोसियों के बारे में कुचक्र सोचते हैं।
“शत्रु ने कहा, ‘मैं उनका पीछा करूँगा और उनको पकड़ूँगा। मैं उनका सारा धन लूँगा। मैं अपनी तलवार चलाऊँगा और उनसे हर चीज़ लूँगा। मैं अपने हाथों का उपयोग करूँगा और अपने लिए सब कुछ लूँगा।’
तेरे सभी शत्रु तुझ पर अपना मुँह खोलते हैं। तुझ पर सीटियाँ बजाते हैं और तुझ पर दाँत पीसते हैं। वे कहा करते है, “हमने उनको निगल लिया! सचमुच यही वह दिन है जिसकी हमको प्रतीक्षा थी। आखिरकार हमने इसे घटते हुए देख लिया।”
सो जब यह नाशमान देह अविनाशी चोले को धारण कर लेगी और वह मरणशील काया अमर चोले को ग्रहण कर लेगी तो शास्त्र का लिखा यह पूरा हो जायेगा: “विजय ने मृत्यु को निगल लिया है।”