यहोवा से कहो, “हे परमेश्वर, हमारे रक्षक, हमारी रक्षा कर। हम लोगों को एक साथ इकट्ठा करो, और हमें अन्य राष्ट्रों से बचाओ। और तब हम तुम्हारे पवित्र नाम की स्तुति कर सकते हैं। तब हम तेरी स्तुति अपने गीतों से कर सकते हैं।”
उस समय लोग ऐसा कहेंगे, “देखो यह हमारा परमेश्वर है! यह वही है जिसकी हम बाट जोह रहे थे। यह हमको बचाने को आया है। हम अपने यहोवा की प्रतीक्षा करते रहे। अत: हम खुशियाँ मनायेंगे और प्रसन्न होंगे कि यहोवा ने हमको बचाया है।”
एप्रैम के लोग शक्तिशाली पुरूष होंगे और ऐसे प्रसन्न होंगे, जैसे वे सैनीक जिन्हें पीने के लिये बहुत अधिक मिल गया हो। उनकी सन्तानें आन्नद मनायेंगी और वे सभी प्रसन्न रहेंगे। वे सभी यहोवा के साथ आन्नद का अवसर पाएंगे।
इन चारों ही प्राणियों के छह छह पंख थे। उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें भरी पड़ीं थीं। दिन रात वे निरन्तर कहते रहते थे: “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर पवित्र है, पवित्र है, पवित्र है, जो था, जो है और जो आनेवाला है।”