मेरे लिए मेरे शत्रुओं ने जाल फैलाया है। उनके फँदे से तू मुझको बचा ले, क्योंकि तू मेरा सुरक्षास्थल है।
हम जाल में फँसे उस पक्षी के जैसे थे जो फिर बच निकला हो। जाल छिन्न भिन्न हुआ और हम बच निकले।
उन अहंकारी लोगों ने मेरे लिये जाल बिछाया। मुझको फँसाने को उन्होंने जाल फैलाया है। मेरी राह में उन्होंने फँदा फैलाया है।
यहोवा को जो स्तुति के योग्य है, मैं पुकारुँगा और मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा।
मुझको आशा है कि, मेरे वचन और चिंतन तुझको प्रसन्न करेंगे। हे यहोवा, तू मेरी चट्टान, और मेरा बचाने वाला है!
वह अपने नाम के निमित्त मेरी आत्मा को नयी शक्ति देता है। वह मुझको अगुवाई करता है कि वह सचमुच उत्तम है।
मेरी आँखें सहायता पाने को यहोवा पर सदा टिकी रहती हैं। मुझे मेरी विपति से वह सदा छुड़ाता है।
मैंने तो कुछ भी बुरा नहीं किया है। किन्तु वे मनुष्य मुझे बिना किसी कारण के, फँसाना चाहते हैं। वे मुझे फँसाना चाहते हैं।
मेरे शत्रुओं ने मेरे लिए जाल फैलाया है। मुझको फँसाने का वे जतन कर रहे हैं। उन्होंने मेरे लिए गहरा गड्ढा खोदा है, कि मैं उसमें गिर जाऊँ।
जो अपने साथी की चापलूसी करता है वह अपने पैरों के लिये जाल पसारता है।
किन्तु उसने मुझसे कह दिया है, “तेरे लिये मेरा अनुग्रह पर्याप्त है क्योंकि निर्बलता में ही मेरी शक्ति सबसे अधिक होती है” इसलिए मैं अपनी निर्बलता पर प्रसन्नता के साथ गर्व करता हूँ। ताकि मसीह की शक्ति मुझ में रहे।
और वे सचेत होकर शैतान के उस फन्दे से बच निकलें जिसमें शैतान ने उन्हें जकड़ रखा है ताकि वे परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण कर सकें।