यरूशलेम के वस्त्र गंदे थे। उसने नहीं सोचा था कि उसके साथ क्या कुछ घटेगा। उसका पतन विचित्र था, उसके पास कोई नहीं था जो उसको शांति देता। वह कहा करती है, “हे यहोवा, देख मैं कितनी दु:खी हूँ! देख मेरा शत्रु कैसा सोच रहा है कि वह कितना महान है!”
लोग लकवे के एक रोगी को खाट पर लिटा कर उसके पास लाये। यीशु ने जब उनके विश्वास को देखा तो उसने लकवे के रोगी से कहा, “हिम्मत रख हे बालक, तेरे पाप को क्षमा किया गया!”
उसने परमेश्वर से विशेष प्रतिज्ञा की। उसने कहा, “सर्वशक्तिमान यहोवा, देखो मैं कितनी अधिक दु:खी हूँ। मुझे याद रखो! मुझे भूलो नहीं। यदि तुम मुझे एक पुत्र दोगे तो मैं पूरे जीवन के लिये उसे तुमको अर्पित कर दूँगी। यह नाजीर पुत्र होगा: वह दाखमधु या तेज मदिरा नहीं पीएगा और कोई उसके बाल नहीं काटेगा।”