मैं घिरा हुआ था और यहोवा को सहायता के लिये पुकारा। मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा। परमेश्वर पवित्र निज मन्दिर में विराजा। उसने मेरी पुकार सुनी और सहायता की।
मैं विपत्ति में था, किन्तु मैंने यहोवा को पुकारा। हाँ, मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा वह अपने उपासना गृह में था, उसने मेरी पुकार सुनी, मेरी सहायता की पुकार उसके कानों में पड़ी।
यहोवा अपने विशाल पवित्र मन्दिर में विराजा है। यहोवा स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है। यहोवा सब कुछ देखता है, जो भी घटित होता है। यहोवा की आँखें लोगों की सज्जनता व दुर्जनता को परखने में लगी रहती हैं।
किन्तु हे यहोवा, तेरी महा करुणा से मैं तेरे मन्दिर में आऊँगा। हे यहोवा, मुझ को तेरा डर है, मैं सम्मान तुझे देता हूँ। इसलिए मैं तेरे मन्दिर की ओर झुककर तुझे दण्डवत करुँगा।
लम्बा समय बीता और मिस्र का राजा मर गया। इस्राएली लोगों को जब भी कठिन परिश्रम करने के लिए विवश किया जाता था। वे सहायता के लिए पुकारते थे और परमेशवर ने उनकी पुकार सुनी।
किन्तु यहोवा इससे भिन्न है! यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में रहता है। इसलिये यहोवा के सामने सम्पूर्ण पृथ्वी धरती को चुप रह कर उसके प्रति आदर प्रकट करना चाहिए।
फिर स्वर्ग में स्थित परमेश्वर के मन्दिर को खोला गया तथा वहाँ मन्दिर में वाचा की वह पेटी दिखाई दी। फिर बिजली की चकाचौंध होने लगी। मेघों का गर्जन-तर्जन और घड़घड़ाहट के शब्द भूकम्प और भयानक ओले बरसने लगे।