हे परमेश्वर, तू मेरे पाँवों को और टखनों को दृढ़ बना ताकि मैं तेजी से बिना लड़खड़ाहट के बढ़ चलूँ।
तूने मेरा मार्ग विस्तृत किया है, जिससे मेरे पैर फिसले नहीं।
उस मनुष्य के कदम फिर कभी मजबूत और तेज नहीं होंगे। किन्तु वह धीरे चलेगा और दुर्बल हो जायेगा। अपने ही कुचक्रों से उसका पतन होगा।
“अय्यूब, परमेश्वर तुझको तेरी विपत्तियों से दूर करके तुझे सहारा देना चाहता है। परमेश्वर तुझे एक विस्तृत सुरक्षित स्थान देना चाहता है और तेरी मेज पर भरपूर खाना रखना चाहता है।
मेरे उत्तम परमेश्वर, जब मैं तुझे पुकारुँ, मुझे उत्तर दे। मेरी विनती को सुन और मुझ पर कृपा कर। जब कभी विपत्तियाँ मुझको घेरें तू मुझ को छुड़ा ले।
कुछ लोग मुझे मारने का जतन कर रहे हैं। किन्तु उनको नष्ट कर दिया जायेगा। वे अपनी कब्रों में समा जायेंगे।
जब तू आगे बढ़ेगा तेरे चरण बाधा नहीं पायेंगे, और जब तू दौड़ेगा ठोकर नहीं खायेगा।
तू चिंता मत कर, मैं तेरे साथ हूँ। तू भयभीत मत हो, मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तुझे सुदृढ़ करुँगा। मैं तुझे अपने नेकी के दाहिने हाथ से सहारा दूँगा।
मेरे पास एक बपतिस्मा है जो मुझे लेना है जब तक यह पूरा नहीं हो जाता, मैं कितना व्याकुल हूँ।