“परमेश्वर मुझ पर प्रहार करता है। वह मुझ पर कुपित है और वह मेरी देह को फाड़ कर अलग कर देता है, तथा परमेश्वर मेरे ऊपर दाँत पीसता है। मुझे शत्रु घृणा भरी दृष्टि से घूरते हैं।
मैं अपने सम्पूर्ण मन से कहूँगा, हे “यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है। तू सबलों से दुर्बलों को बचाता है। जो जन शक्तिशाली होते हैं, उनसे तू वस्तुओं को छीन लेता है और दीन और असहाय लोगों को देता है।”
किन्तु उसके नगर के दूसरे लोग उससे घृणा करते थे, इसलिये उन्होंने उसके पीछे यह कहने को एक प्रतिनिधि मंडल भेजा, ‘हम नहीं चाहते कि यह व्यक्ति हम पर राज करे।’