यहोवा ने अपने ऊपर के निवास आकाश के ऊपर बनाए। उसने अपने आकाश को पृथ्वी पर रखा। वह सागर के जल को बुला लेता है, और देश पर उसकी वर्षा करता है। उसका नाम यहोवा है।
“हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।”