फिर तुम कभी ऐसे जन नहीं कहलाओगे, “परमेश्वर के त्यागे हुए लोग।” तुम्हारी धरती कभी ऐसी धरती नहीं कहलायेगी जिसे “परमेश्वर ने उजाड़ा।” तुम लोग “परमेश्वर के प्रिय जन” कहलाओगे। तुम्हारी धरती “परमेश्वर की दुल्हिन” कहलायेगी। क्यों क्योंकि यहोवा तुमसे प्रेम करता है और तुम्हारी धरती उसकी हो जायेगी।
तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ हैं। वह शक्तिशाली सैनिक सा हैं। वह तुम्हारी रक्षा करेगा। वह दिखायेगा कि वह तुम से कितना प्यार करता है। वह दिखायेगा कि वह तुम्हारे साथ कितने प्रसन्न है। वे हसेगा और तुम्हारे बारे में ऐसे प्रसन्न होगा,
और यदि यहोवा हम लोगों से प्रसन्न है तो वह हम लोगों को उस प्रदेश में ले चलेगा। वह प्रदेश सम्पन्न है, ऐसा है जैसे वहाँ दूध और मधु की नदियाँ बहती हों और यहोवा उस प्रदेश को हम लोगों को देने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करेगा।
और यदि तुम, प्रत्येक के कर्मों के अनुसार पक्षपात रहित होकर न्याय करने वाले परमेश्वर को हे पिता कह कर पुकारते हो तो इस परदेसी धरती पर अपने निवास काल में सम्मानपूर्ण भय के साथ जीवन जीओ।
बल्कि तुम्हारा श्रृंगार तो तुम्हारे मन का भीतरी व्यक्तित्व होना चाहिए जो कोमल और शान्त आत्मा के अविनाशी सौन्दर्य से युक्त हो। परमेश्वर की दृष्टि में जो मूल्यवान हो।