महाराजा क्षयर्ष ने महारानी एस्तेर और यहूदी मोर्दकै को उत्तर देते हुए जो कहा था, वह यह है, “हामान, क्योंकि यहूदियों के विरोध में था, इसलिए उसकी सम्पत्ति मैंने एस्तेर को दे दी तथा मेरे सिपाहियों ने उसे फाँसी देने के खम्भे पर लटका दिया।
किन्तु वे दुष्ट लोग इतने भयभीत होंगे, जितने वे दुष्ट लोग पहले कभी भयभीत नहीं हुए! इसलिए परमेश्वर ने इस्राएल के उन दुष्ट शत्रु लोगों को त्यागा है। परमेश्वर के भक्त उनको हरायेंगे और परमेश्वर उन दुष्टो की हड्डियों को बिखेर देगा।
वे लोग आतंक और भय से आक्रान्त होंगे जब वे तेरी शक्ति देखेंगे। वे चट्टान के समान शान्त रहेंगे जब तक तुम्हारे लोग गुज़रेंगे जब तक तेरे द्वारा लाए गए लोग गुज़रेंगे।
अपने युद्ध की योजनाएँ रचो! तुम्हारी योजनाएँ पराजित हो जायेंगी। तुम अपनी सेना को आदेश दो! तुम्हारे वे आदेश व्यर्थ हो जायेंगे, क्यों क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ है।
किन्तु तुम तो चुने हुए लोग हो याजकों का एक राज्य, एक पवित्र प्रजा एक ऐसा नर-समूह जो परमेश्वर का अपना है, ताकि तुम परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की घोषणा कर सको। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें अन्धकार से अद्भुत प्रकाश में बुलाया।
सभी पलिश्ती सैनिक, रणक्षेत्र के सैनिक, डेरे के सैनिक और किले के सैनिक आतंकित हो गये। यहाँ तक की सर्वाधिक वीर योद्धा भी आतंकित हो गये। धरती हिलने लगी और पलिश्ती सैनिक भयानक ढंग से डर गये!