मेरे दासों के मन खरे हैं इसलिये वे प्रसन्न होंगे। किन्तु अरे ओ दुष्टों, तुम रोया करोगे क्योंकि तुम्हारे मनों में पीड़ा बसेगी। तुम अपने टूटे हुए मन से बहुत दु:खी रहोगे।
“संसार में सर्वत्र लोग मेरे नाम का सम्मान करते हैं। संसार में सर्वत्र लोग मेरे लिये अच्छी भेंट लाते हैं। वे अच्छी सुगन्धि मेरी भेंट के रप में जलाते हैं। क्यों क्योंकि मेरा नाम उन सभी लोगों के लिये महत्वपूर्ण है।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
क्योंकि उसी परमेश्वर ने, जिसने कहा था, “अंधकार से ही प्रकाश चमकेगा” वही हमारे हृदयों में प्रकाशित हुआ है, ताकि हमें यीशु मसीह के व्यक्तित्व में परमेश्वर की महिमा के ज्ञान की ज्योति मिल सके।
उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपनी महिमामय अनुग्रह के कारण स्वयं को प्रशंसित करे। उसने इसे हमें, जो उसके प्रिय पुत्र में स्थित हैं मुक्त भाव से प्रदान किया।
“हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।”