तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा। उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।
तुम अपने भोजन के लिए कठिन परिश्रम करोगे। तुम तब तक परिश्रम करोगे जब तक माथे पर पसीना ना आ जाए। तुम तब तक कठिन मेहनत करोगे जब तक तुम्हारी मृत्यु न आ जाए। उस समय तुम दुबारा मिट्टी बन जाओगे। जब मैंने तुमको बनाया था, तब तुम्हें मिट्टी से बनाया था और जब तुम मरोगे तब तुम उसी मिट्टी में पुनः मिल जाओगे।”
इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।
कोई पापी चाहे सैकड़ों पाप करे और चाहे उसकी आयु कितनी ही लम्बी हो किन्तु मैं यह जानता हूँ कि तो भी परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना और उसका सम्मान करना उत्तम है।
यहोवा ने स्वयं अपनी शक्ति को प्रमाण बनाते हुए वाचा की और यहोवा अपनी शक्ति के प्रयोग से ही उस वाचा को पालेगा। यहोवा ने कहा था, “मैं तुम्हें वचन देता हूँ कि मैं तुम्हारे भोजन को कभी तुम्हारे शत्रु को न दूँगा। मैं तुम्हें वचन देता हूँ कि तुम्हारी बनायी दाखमधु तुम्हारा शत्रु कभी नहीं ले पायेगा।
“यहोयाकीम, अपने घर में देवदार की अधिक लकड़ी का उपयोग तुम्हें महान सम्राट नहीं बनाता। तुम्हारा पिता योशिय्याह भोजन पान पाकर ही सन्तुष्ट था। उसने वह किया जो ठीक और न्यायपूर्ण था। योशिय्याह ने वह किया, अत: उसके लिये सब कुछ अच्छा हुआ।
सो मेरे प्यारे भाइयो, अटल बने डटे रहो। प्रभु के कार्य के प्रति अपने आपको सदा पूरी तरह समर्पित कर दो। क्योंकि तुम तो जानते ही हो कि प्रभु में किया गया तुम्हारा कार्य व्यर्थ नहीं है।
“और यहोवा तुम्हें बहुत सी अच्छी चीजें देगा। वह तुम्हें बहुत से बच्चे देगा। वह तुम्हें मवेशी और बहुत से बछड़े देगा। वह उस देश में तुम्हें बहुत अच्छी फसल देगा जिसे उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को देने का वचन दिया था।
तुम अंगूर के बाग लगाओगे और उनमें कड़ा परिश्रम करोगे। किन्तु तुम उनमें से अंगूर इकट्ठे नहीं करोगे और न ही उन से दाखमधु पीओगे। क्यों? क्योंकि उन्हें कीड़े खा जाएंगे।
यहोवा तुम्हारे बच्चों को आशीर्वाद देगा। वह तुम्हारी भूमि को अच्छी फसल का वरदानदेगा और वह तुम्हारे जानवरों को बच्चे देने का वरदान देगा। तुम्हारे पास बहुत से मवेशी और भेड़ें होंगी।
वे तुम्हारे मवेशियों के बछड़े और तुम्हारी भूमि की फसल तब तक खायेंगे जब तक तुम नष्ट नहीं हो जाओगे। वे तुम्हारे लिये अन्न, नयी दाखमधु, तेल तुम्हारे मवेशियों के बछड़े अथवा तुम्हारे रेवड़ों के मेमने नहीं छोड़ेंगे। वे यह तब तक करते रहेंगे जब तक तुम नष्ट नहीं हो जाओगे।