हे परमेश्वर, कुछ ऐसा कर जिससे यह प्रमाणित हो कि तू मेरी सहायता करेगा। फिर इससे मेरे शत्रु निराश हो जायेंगे। क्योंकि यहोवा इससे यह प्रकट होगा तेरी दया मुझ पर है और तूने मुझे सहारा दिया।
मेरे नयन आँसुओं से दु:ख रहे हैं! मेरा अंतरंग व्याकुल है! मेरे मन को ऐसा लगता है जैसे वह बाहर निकल कर धरती पर गिरा हो! मुझको इसलिये ऐसा लगता है कि मेरे अपने लोग नष्ट हुए हैं। सन्तानें और शिशु मूर्छित हो रहें हैं। वे नगर के गलियों और बाजारों में मूर्छित पड़े हैं।
“तुम्हारे पुत्र और तुम्हारी पुत्रियाँ दूसरी जाति के लोगों को दे दी जाएँगी। तुम्हारी आँखे सारे दिन बच्चों को देखने के लिये टकटकी लगाए रहेंगी क्योंकि तुम बच्चों को देखना चाहोगे। किन्तु तुम प्रतीक्षा करते—करते कमजोर हो जाओगे, तुम असहाय हो जाओगे।