अभी वह सन्देशवाहक अपनी बात कह ही रहा था कि एक और सन्देशवाहक आ गया। इस तीसरे सन्देशवाहक ने कहा, “कसदी के लोगों ने तीन टोलियाँ भेजी थीं जिन्होंने हम पर हमला बोल दिया और ऊँटो को छीन ले गये और उन्होंने सेवकों को मार डाला। आपको समाचार देने के लिये केवल मैं ही बच निकल पाया हूँ!”
जैसे डाकू किसी की घात में छुपे रहते हैं कि उस पर हमला करें, वैसे ही शकेम की राह पर याजक घात में बैठे रहते हैं। जो लोग वहाँ से गुजरते हैं वे उन्हें मार डालते हैं। उन्होंने बुरे काम किये हैं।