याकूब ने फ़िरौन से कहा, “बहुत से कष्टों के साथ मेरा छोटा जीवन रहा। मैं केवल एक सौ तीस वर्ष जीवन बिताया हूँ। मेरे पिता और उनके पिता मुझसे अधिक उम्र तक जीवित रहे।”
हे यहोवा, मेरी विनती सुन! मेरे शब्दों को सुन जो मैं तुझसे पुकार कर कहता हूँ। मेरे आँसुओं को देख। मैं बस राहगीर हूँ, तुझको साथ लिये इस जीवन के मार्ग से गुजरता हूँ। इस जीवन मार्ग पर मैं अपने पूर्वजों की तरह कुछ समय मात्र टिकता हूँ।
हे यहोवा, तू हमको अपने से दूर क्यों ढकेल रहा है तू हमारे लिये अपना अनुसरण करने को क्यों कठिन बनाता है यहोवा तू हमारे पास लौट आ। हम तो तेरे दास हैं। हमारे पास आ और हमको सहारा दे। हमारे परिवार तेरे हैं।
हे प्रिय मित्रों, मैं तुम से, जो इस संसार में अजनबियों के रूप में हो, निवेदन करता हूँ कि उन शारीरिक इच्छाओं से दूर रहो जो तुम्हारी आत्मा से जूझती रहती हैं।