मुझे झूठ से बैर है! मैं उससे घृणा करता हूँ! हे यहोवा, मैं तेरी शिक्षाओं से प्रेम करता हूँ।
मैं अपने घर में ऐसे लोगों को रहने नहीं दूँगा जो झूठ बोलते हैं। मैं झूठों को अपने पास भी फटकने नहीं दूँगा।
तेरी शिक्षाएँ मुझे बुद्धिमान बनाती है। सो मैं झूठी शिक्षाओं से घृणा करता हूँ।
हे यहोवा, मुझको ऐसे उन लोगों से घृणा है, जो पूरी तरह से तेरे प्रति सच्चे नहीं हैं। मुझको तो तेरी शिक्षाएँ भाति हैं।
तेरे सब आदेशों का बहुत सावधानी से मैं पालन करता हूँ। मैं झूठे उपदेशों से घृणा करता हूँ।
हे यहोवा, मुझे कोई झूठ मत जीने दे। अपनी शिक्षाओं से मुझे राह दिखा दे।
हे यहोवा, मुझे तेरी व्यवस्थाओं का मनन भाता है। तेरी व्यवस्थाओं से मुझको प्रेम है।
धर्मी उससे घृणा करता है, जो झूठ है जबकि दुष्ट लज्जा और अपमान लाते हैं।
तू मुझसे मिथ्या को, व्यर्थ को दूर रख। मुझे दरिद्र मत कर और न ही मुझको धनी बना। मुझको बस प्रतिदिन खाने को देता रह।
बुराई से घृणा करो। अच्छाई से प्रेम करो। न्यायालयों में न्याय वापस लाओ और तब संभव है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा यूसुफ परिवार के बचे लोगों पर दयालु हो।
तुम्हारा प्रेम सच्चा हो। बुराई से घृणा करो। नेकी से जुड़ो।
सो तुम लोग झूठ बोलने का त्याग कर दो। अपने साथियों से हर किसी को सच बोलना चाहिए, क्योंकि हम सभी एक शरीर के ही अंग हैं।
किन्तु ‘कुत्ते,’ जादू-टोना करने वाले, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक, और प्रत्येक वह जो झूठ पर चलता है और झूठे को प्रेम करता है, बाहर ही पड़े रहेंगे।