“शीघ्र! दाऊद को सूचना भेजो। उससे कहो कि आज की रात वह उन स्थानों पर न रहे जहाँ से लोग मरूभूमि को पार करते हैं। अपितु यरदन नदी को तुरन्त पार कर ले। यदि वह नदी को पार कर लेता है तो राजा और उसके लोग नहीं पकड़े जायेंगे।”
सम्भव है, दुष्ट जन मुझ पर चढ़ाई करें। सम्भव है, वे मेरे शरीर को नष्ट करने का यत्न करे। सम्भव है मेरे शत्रु मुझे नष्ट करने को मुझ पर आक्रमण का यत्न करें।
हम सब बहुत दु:खी हैं। हम सब ऐसे कराहते हैं जैसे कोई रीछ और कोई कपोत कराहता हैं। हम ऐसे उस समय की बाट जोह रहे हैं जब लोग निष्पक्ष होंगे किन्तु अभी तक तो कहीं भी नेकी नहीं है। हम उद्धार की बाट जोह रहे हैं किन्तु उद्धार बहुत—बहुत दूर है।