ऊज नाम के प्रदेश में एक व्यक्ति रहा करता था। उसका नाम अय्यूब था। अय्यूब एक बहुत अच्छा और विश्वासी व्यक्ति था। अय्यूब परमेश्वर की उपासना किया करता था और अय्यूब बुरी बातों से दूर रहा करता था।
इस पर यहोवा ने शैतान से कहा, “क्या तूने मेरे सेवक अय्यूब को देखा? पृथ्वी पर उसके जैसा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है। अय्यूब एक खरा और विश्वासी व्यक्ति है। वह परमेश्वर की उपासना करता है और बुरी बातों से सदा दूर रहता है।”
मैं सारे ही देश में उन लोगों पर दृष्टि रखूँगा। जिन पर भरोसा किया जा सकता और मैं केवल उन्हीं लोगों को अपने लिये काम करने दूँगा। बस केवल ऐसे लोग मेरे सेवक हो सकते जो शुद्ध जीवन जीते हैं।
तब वे मेरे नियमों का पालन करेंगे। वे मेरे आदेशों का पालन करेंगे, वे वह कार्य करेंगे जिन्हें मैं करने को कहूँगा। वे सचमुच मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा।”
ये बातें बुद्धिमान व्यक्ति को समझना चाहिये, ये बातें किसी चतुर व्यक्ति को जाननी चाहियें। यहोवा की राहें उचित है। सज्जन उसी रीति से जीयेंगे; और दुष्ट उन्हीं से मर जायेंगे।
हमें इसका गर्व है कि हम यह बात साफ मन से कह सकते हैं कि हमने इस जगत के साथ और खासकर तुम लोगों के साथ परमेश्वर के अनुग्रह के अनुरूप व्यवहार किया है। हमने उस सरलता और सच्चाई के साथ व्यवहार किया है जो परमेश्वर से मिलती है न कि दुनियावी बुद्धि से।
किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा।