एलिय्याह सभी लोगों के पास आया। उसने कहा, “आप लोग कब निर्णय करेंगे कि आपको किसका अनुसरण करना है यदि यहोवा सच्चा परमेश्वर है तो आप लोगों को उसका अनुयायी होना चाहिये। किन्तु यदि बाल सत्य परमेश्वर है तो तुम्हें उसका अनुयायी होना चाहिये।” लोगों ने कुछ भी नहीं कहा।
अगले दिन लोगों ने यहोवा को बलि भेंट दी। उन्होंने यहोवा को होमबलि दी। उन्होंने एक हजार बैल, एक हजार मेंढ़े एक हजार मेमने भेंट में दिये और उन्होंने पेय— भेंट भी दी। इस्राएल के लोगों के लिये वहाँ अनेकानेक बलिदान किये गये।
यद्यपि आज ये लोग अन्धकार में निवास करते हैं, किन्तु इन्हें महान प्रकाश का दर्शन होगा। ये लोग एक ऐसे अन्धेरे स्थान में रहते हैं जो मृत्य़ु के देश के समान है। किन्तु वह “अद्भुत ज्योति” उन पर प्रकाशित होगा।
यहोवा के विरूद्ध मैंने पाप किया था। अत: वह मुझ पर क्रोधित था। किन्तु न्यायालय में वह मेरे अभियोग का वकालत करेगा। वह, वे ही काम करेगा जो मेरे लिये उचित है। फिर वह मुझको बाहर प्रकाश में ले आयेगा और मैं उसके छुटकारे को देखूँगा।
“किन्तु, मेरे भक्तों, तुम पर अच्छाई उगते सूरज के समान चमकेगी और यह सूरज की किरणों की तरह स्वास्थ्यवर्धक शक्ति देगी। तुम ऐसे ही स्वतन्त्र और प्रसन्न होओगे जैसे अपने बाड़े से स्वतन्त्र हुए बछड़े।
फिर वहाँ उपस्थित लोगों से यीशु ने कहा, “मैं जगत का प्रकाश हूँ। जो मेरे पीछे चलेगा कभी अँधेरे में नहीं रहेगा। बल्कि उसे उस प्रकाश की प्राप्ति होगी जो जीवन देता है।”
किन्तु तुम तो चुने हुए लोग हो याजकों का एक राज्य, एक पवित्र प्रजा एक ऐसा नर-समूह जो परमेश्वर का अपना है, ताकि तुम परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की घोषणा कर सको। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें अन्धकार से अद्भुत प्रकाश में बुलाया।