किन्तु हिजकिय्याह का हृदय घमण्ड से भर गया इसलिये उसने परमेश्वर की कृपा के लिये परमेश्वर को धन्यवाद नहीं किया। यही कारण था कि परमेश्वर हिजकिय्याह और यरूशलेम तथा यहूदा के लोगों पर क्रोधित हुआ।
इसलिए हे भाइयो परमेश्वर की दया का स्मरण दिलाकर मैं तुमसे आग्रह करता हूँ कि अपने जीवन एक जीवित बलिदान के रूप में परमेश्वर को प्रसन्न करते हुए अर्पित कर दो। यह तुम्हारी आध्यात्मिक उपासना है जिसे तुम्हें उसे चुकाना है।