राजा दाऊद खड़ा हुआ और कहा, “मेरे भाईयो और मेरे लोगो, मेरी बात सुनो। मैं अपने हृदय से यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दुक को रखने के लिये एक स्थान बनाना चाहता हूँ। मैं एक ऐसा स्थान बनाना चाहता हूँ जो परमेश्वर का पद पीठ बन सके और मैंने परमेश्वर के लिये एक मन्दिर बनाने की योजना बनाई।
मुझको यह आशा है कि यहोवा मेरे शत्रु के साथ इन सभी बातों को करेगा। मुझको यह आशा है कि यहोवा इन सभी बातों को उनके साथ करेगा जो मेरी हत्या का जतन कर रहे है।
वह यहोवा का मंदिर बनाएगा, और वह सम्मान पाएगा। वह अपने राजसिंहासन पर बैठेगा, और शासक होगा। उसके सिंहासन के बगल में एक याजक खङा होगा। और ये दोनों व्यक्ति शान्तिपूर्वक एक साथ काम करेंगे।’
यीशु ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं हूँ। किन्तु मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम मनुष्य के पुत्र को उस परम शक्तिशाली की दाहिनी ओर बैठे और स्वर्ग के बादलों पर आते शीघ्र ही देखोगे।”
क्योंकि यदि तुम्हें मसीह के साथ मरे हुओं में से जिला कर उठाया गया है तो उन वस्तुओं के लिये प्रयत्नशील रहो जो स्वर्ग में हैं जहाँ परमेश्वर की दाहिनी ओर मसीह विराजित है।
वह पुत्र परमेश्वर की महिमा का तेज-मंडल है तथा उसके स्वरूप का यथावत प्रतिनिधि। वह अपने समर्थ वचन के द्वारा सब वस्तुओं की स्थिति बनाये रखता है। सबको पापों से मुक्त करने का विधान करके वह स्वर्ग में उस महामहिम के दाहिने हाथ बैठ गया।
हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया।