शाप ही उस दुष्ट जन का वस्त्र बने जिनको वह लपेटे, और शाप ही उसके लिये कमर बन्द बने।
वह शाप को वस्त्रों सा ओढ़ लें। शाप ही उसके लिये पानी बन जाये वह जिसको पीता रहे। शाप ही उसके शरीर पर तेल बनें।
मेरे शत्रुओं को अपमानित कर! वे अपने लाज से ऐसे ढक जायें जैसे परिधान का आवरण ढक लेता।
मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्जा से ढक दूँगा और दाऊद का राज्य बढाऊँगा।”
मैं आशा करता हूँ कि मेरे शत्रु निराश और लज्जित होंगे। वे जन प्रसन्न थे जब मेरे साथ बुरी बातें घट रही थीं। वे सोचा करते कि वे मुझसे श्रेष्ठ हैं! सो ऐसे लोगों को लाज में डूबने दे।