हे यहोवा, मिस्र में हमारे पूर्वजों ने आश्चर्य कर्मो से कुछ भी नहीं सीखा। उन्होंने तेरे प्रेम को और तेरी करूणा को याद नहीं रखा। हमारे पूर्वज वहाँ लाल सागर के किनारे तेरे विरूद्ध हुए।
किन्तु हे यहोवा, तेरी महा करुणा से मैं तेरे मन्दिर में आऊँगा। हे यहोवा, मुझ को तेरा डर है, मैं सम्मान तुझे देता हूँ। इसलिए मैं तेरे मन्दिर की ओर झुककर तुझे दण्डवत करुँगा।
ये लोग यह नहीं जानते कि यें क्या कर रहे हैं ये लोग समझते ही नहीं। ऐसा है जैसे इनकी आँखें बंद हो और ये कुछ देख ही न पाते हों। इनका मन समझने का जतन ही नहीं करता।
यह मैं याद रखूँगा कि यहोवा दयालु है और मैं यहोवा की स्तुति करना याद रखूँगा। यहोवा ने इस्राएल के घराने को बहुत सी वस्तुएँ प्रदान की। यहोवा हमारे प्रति बहुत ही कृपालु रहा। यहोवा ने हमारे प्रति दया दिखाई।
इसलिए याद रखो, वे लोग, जो अपने शरीर में मानव हाथों द्वारा किये गये ख़तने के कारण अपने आपको “ख़तना युक्त” बताते हैं, विधर्मी के रूप में जन्मे तुम लोगों को “ख़तना रहित” कहते थे।