याकूब और उसके पुत्रों ने वह जगह छोड़ दी। उस क्षेत्र के लोग उनका पीछा करना चाहते थे और उन्हें मार डालना चाहते थे। किन्तु वे बहुत डर गए और उन्होंने याकूब का पीछा नहीं किया।
जहाँ कहीं भी किसी प्रांत या किसी भी नगर में राजा का वह आदेश पत्र पहुँचा, यहूदियों में आनन्द और प्रसन्नता की लहर दौड़ गयी। यहूदी भोज दे रहे थे और उत्सव मना रहे थे और दूसरे बहुत से सामान्य लोग यहूदी बन गये। क्योंकि वे यहूदियों से बहुत डरा करते थे, इसीलिए उन्होंने ऐसा किया।
फ़िरौन के अधिकारियों ने उससे पूछा, “हम लोग कब तक इन लोगों के जाल में फँसे रहेंगे। लोगों को उनके परमेश्वर यहोवा की उपासना करने जाने दें। यदि आप उन्हें नहीं जाने देंगे तो आपके जानने से पहले मिस्र नष्ट हो जाएगा।”
वे लोग आतंक और भय से आक्रान्त होंगे जब वे तेरी शक्ति देखेंगे। वे चट्टान के समान शान्त रहेंगे जब तक तुम्हारे लोग गुज़रेंगे जब तक तेरे द्वारा लाए गए लोग गुज़रेंगे।
राहाब ने कहा, “मैं जानती हूँ कि यह देश याहोवा ने तुम्हारे लोगों को दिया है। तुम हम लोगों को भयभीत करते हो। इस देश में रहने वाले सभी तुम लोगों से भयभीत हैं।