हे यहोवा, तू लोगों को उनके कुकर्मो का दण्ड देता है। और इस प्रकार जीवन की खरी राह लोगों को सिखाता है। हमारी काया जीर्ण शीर्ण हो जाती है। ऐसे उस कपड़े सी जिसे कीड़ा लगा हो। हमारा जीवन एक छोटे बादल जैसे देखते देखते विलीन हो जाती है।
सो मुझे इन सब बातों को याद करने दे। मुझे अपना हृदय बाहर ऊँडेलने दे। मुझे याद है मैं परमेश्वर के मन्दिर में चला और भीड़ की अगुवाई करता था। मुझे याद है वह लोगों के साथ आनन्द भरे प्रशंसा गीत गाना और वह उत्सव मनाना।
यरूशलेम कहा करती है, “यहोवा तो न्यायशील है क्योंकि मैंने ही उस पर कान देना नकारा था। सो, हे सभी व्यक्तियों, सुनो! तुम मेरा कष्ट देखो! मेरे युवा स्त्री और पुरुष बंधुआ बना कर पकड़े गये हैं।
अब हम यह जानते हैं कि व्यवस्था में जो कुछ कहा गया है, वह उन को सम्बोधित है जो व्यवस्था के अधीन हैं। ताकि हर मुँह को बन्द किया जा सके और सारा जगत परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।