परमेश्वर का पवित्र नगर एक सुन्दर नगर है। धरती पर वह नगर सर्वाधिक प्रसन्न है। सिय्योन पर्वत सबसे अधिक ऊँचा और सर्वाधिक पवित्र है। यह नगर महा सम्राट का है।
हाँ, हमने उन राजाओं की कहानी सुनी है और हमने तो इसको सर्वशक्तिमान यहोवा के नगर में हमारे परमेश्वर के नगर में घटते हुए भी देखा। यहोवा उस नगर को सुदृढ़ बनाएगा।
किन्तु तू मुझको बलशाली बनाएगा। मैं शक्तिशाली मेंढ़े सा बन जाऊँगा जिसके कड़े सिंग होते हैं। तूने मुझे विशेष काम के लिए चुना है। तूने मुझ पर अपना तेल ऊँडेला है जो शीतलता देता है।
दाऊद के परिवार यहोवा यह कहता है: “‘तुम्हें प्रतिदिन लोगों का निष्पक्ष न्याय करना चाहिए। अपराधियों से उनके शिकारों की रक्षा करो। यदि तुम ऐसा नहीं करते तो मैं बहुत क्रोधित होऊँगा। मेरा क्रोध ऐसे आग की तरह होगा जिसे कोई व्यक्ति बुझा नहीं सकता। यह घटित होगा क्योंकि तुमने बुरे काम किये हैं।’
कोई अपवित्र वस्तु तो उसमें प्रवेश तक नहीं कर पायेगी और न ही लज्जापूर्ण कार्य करने वाले और झूठ बोलने वाले उसमें प्रवेश कर पाएँगे उस नगरी में तो प्रवेश बस उन्हीं को मिलेगा जिनके नाम मेमने की जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।