यह आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन है। यहूदा और यरूशलेम में जो घटने वाला था, उसे परमेश्वर ने यशायाह को दिखाया। यशायाह ने इन बातों को उज्जिय्याह, योताम, आहाज और हिजकिय्याह के समय में देखा था। ये यहूदा के राजा थे।
भविष्यवक्ता यशायाह के वचनों की पुस्तक में जैसा लिखा है: “किसी का जंगल में पुकारता हुआ शब्द: ‘प्रभु के लिये मार्ग तैयार करो और उसके लिये राहें सीधी करो।
फिर आपस में एक दूसरे से असहमत होते हुए वे वहाँ से जाने लगे। तब पौलुस ने एक यह बात और कही, “यशायाह भविष्यवक्ता के द्वारा पवित्र आत्मा ने तुम्हारे पूर्वजों से कितना ठीक कहा था,
सो वह तैयार हुआ और चल पड़ा। वहीं एक कूश का खोजा था। वह कूश की रानी कंदाके का एक अधिकारी था जो उसके समुचे कोष का कोषपाल था। वह आराधना के लिये यरूशलेम गया था।
अपनी सम्पन्नता के साथ मसीह का संदेश तुम में वास करे। भजनों, स्तुतियों और आत्मा के गीतों को गाते हुए बड़े विवेक के साथ एक दूसरे को शिक्षा और निर्देश देते रहो। परमेश्वर को मन ही मन धन्यवाद देते हुए गाते रहो।
उस व्यवस्था की किताब में लिखी गई बातों को सदा यादा रखो। तुम उस किताब का अध्ययन दिन रात करो, तभी तुम उसमें लिखे गए आदेशों के पालन के विषय में विश्वस्त रह सकते हो। यदि तुम यह करोगे, तो तुम बुद्धिमान बनोगे और जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे।